हमारे जीवन में वास्तुदोष का बहुत महत्व होता है ! वास्तुदोष का प्रभाव, जब हम पर होता है ! तो हमें अनेको परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है !वैसे तो मेरा मानना है की किसी भी घर से पूर्णत वास्तुदोष को नहीं मिटाया जा सकता ! इसकी कई वजह होती है ! खेर हम जाता चर्चा न करते हुवे ! वास्तुदोष के उपाए पर आते है !
1 कभी भी रसोई घर, शोचालय और पूजा घर एक साथ नहीं बनाने चाहिए !
2 भवन में दक्षिण. उत्तर और पश्चिम की तुलना में पूर्व अधिक निचा रहना चाहिए ! इशान दिशा सबसे निची होनी चाहिए !
3 पूजा घर कभी भी धातु का न हो ! यह लकड़ी या पत्थर का होना शुभ होता है !
4 पूजा घर साफ व् सुथरा होना चाहिए ! यह कभी भी सीढियों के निचे नहीं होना चाहिए !
5 पूजा घर में एक ही भगवान की कई तस्वीरे एक साथ नहीं रखे !
6 रसोई घर में इस बात का ध्यान रखे की खाना बनाने का चूल्हा हमेशा अग्नये कोण में ही रखे !
7 खाना बनाने वाले व्यक्ति का मुख पूर्व में होना चाहिए !
8 बच्चे जब भी पढने बैठे तो उनके पीछे ठोस दीवार होनी चाहिए !
9 बच्चे जिस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते है ! उस से संबंधित व्यक्तियों के चित्र बच्चो के रूम में अवश्य लगाये !
10 यदि घर के मुख्य द्वार पर एकदंत की प्रतिमा या चित्र लगाया गया हो तो उसके दूसरी तरफ ठीक उसी जगह पर गणेश जी की प्रतिमा इस प्रकार लगाए कि दोनों गणेशजी की पीठ मिली रहे। इस प्रकार से दूसरी प्रतिमा या चित्र लगाने से वास्तु दोषों का शमन होता है। भवन के जिस भाग में वास्तु दोष हो उस स्थान पर घी मिश्रित सिंदूर से स्वास्तिक दीवार पर बनाने से वास्तु दोष का प्रभाव कम होता है।
11 रसोई घर के वास्तु दोष को ठीक करने के लिए अग्नि कोण अर्थात दक्षिण पश्चिम दिशा में लाल रंग का बल्ब लगाकर उसे सुबह अौर शाम अवश्य जलाएं।
12 मेन गेट पर देवी लक्ष्मी, श्रीगणेश, कुबेर, स्वास्तिक, ओम, मछली, कछुआ आदि लटकाएं। इनको मुख्य द्वार पर लटकाने से नकारात्मक उर्जा का घर में आगमन नहीं होता।
1 कभी भी रसोई घर, शोचालय और पूजा घर एक साथ नहीं बनाने चाहिए !
2 भवन में दक्षिण. उत्तर और पश्चिम की तुलना में पूर्व अधिक निचा रहना चाहिए ! इशान दिशा सबसे निची होनी चाहिए !
3 पूजा घर कभी भी धातु का न हो ! यह लकड़ी या पत्थर का होना शुभ होता है !
4 पूजा घर साफ व् सुथरा होना चाहिए ! यह कभी भी सीढियों के निचे नहीं होना चाहिए !
5 पूजा घर में एक ही भगवान की कई तस्वीरे एक साथ नहीं रखे !
6 रसोई घर में इस बात का ध्यान रखे की खाना बनाने का चूल्हा हमेशा अग्नये कोण में ही रखे !
7 खाना बनाने वाले व्यक्ति का मुख पूर्व में होना चाहिए !
8 बच्चे जब भी पढने बैठे तो उनके पीछे ठोस दीवार होनी चाहिए !
9 बच्चे जिस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते है ! उस से संबंधित व्यक्तियों के चित्र बच्चो के रूम में अवश्य लगाये !
10 यदि घर के मुख्य द्वार पर एकदंत की प्रतिमा या चित्र लगाया गया हो तो उसके दूसरी तरफ ठीक उसी जगह पर गणेश जी की प्रतिमा इस प्रकार लगाए कि दोनों गणेशजी की पीठ मिली रहे। इस प्रकार से दूसरी प्रतिमा या चित्र लगाने से वास्तु दोषों का शमन होता है। भवन के जिस भाग में वास्तु दोष हो उस स्थान पर घी मिश्रित सिंदूर से स्वास्तिक दीवार पर बनाने से वास्तु दोष का प्रभाव कम होता है।
11 रसोई घर के वास्तु दोष को ठीक करने के लिए अग्नि कोण अर्थात दक्षिण पश्चिम दिशा में लाल रंग का बल्ब लगाकर उसे सुबह अौर शाम अवश्य जलाएं।
12 मेन गेट पर देवी लक्ष्मी, श्रीगणेश, कुबेर, स्वास्तिक, ओम, मछली, कछुआ आदि लटकाएं। इनको मुख्य द्वार पर लटकाने से नकारात्मक उर्जा का घर में आगमन नहीं होता।