वास्तुदोष क्या है

वास्तुदोष (Vastu Dosha) संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है "वास्तु विनाश" या "वास्तु दोष।" यह एक हिंदू वास्तु शास्त्र की प्राथमिकताओं में से एक है। इसमें विभिन्न प्रकार के दोषों का वर्णन किया जाता है जो एक निर्माण की वास्तुशास्त्र के अनुसार उचित नहीं होते हैं और उनका प्रभाव नकारात्मक होता है।

कुछ प्रमुख वास्तुदोषों में शामिल हैं:

  1. वास्तु दोष के अनुसार, घर के मुख्य द्वार के खुलने और बंद होने के द्वारा समृद्धि और धन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
  2. दक्षिण-पश्चिम दिशा में वास्तुदोष होने पर परिवार के सदस्यों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
  3. घर के मध्य भाग में टॉयलेट या बाथरूम होने पर वास्तुदोष हो सकता है और इसके कारण परिवार के सदस्यों को समस्याएं हो सकती हैं।
  4. गृहस्थी के स्वास्थ्य और विवाह संबंधी मुद्दों के लिए, पश्चिम दिशा में वास्तुदोष होना अशुभ माना जाता है।
  5. वास्तुदोष के अनुसार, नकारात्मक ऊर्जा के कारण किसी भी निर्माण में खिड़कियों के बारे में ध्यान देना महत्वपूर्ण है। अगर खिड़कियों की आकृति, स्थान या निर्माण में त्रुटियाँ हों, तो वास्तुदोष हो सकता है।

वास्तुदोष विशेष रूप से एक धार्मिक और कुछ लोगों के विश्वास पर आधारित होता है, जो उचित वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों पर आधारित हैं। हालांकि, आधुनिक विज्ञान और तकनीक के कुछ प्रशंसक इसे पुरानी मान्यताओं का हिस्सा मानते हैं और वास्तुशास्त्र के दावों को अभिमान मानते हैं। वास्तुदोष को दूर करने के लिए कई वास्तुउपाय और सुझाव दिए जाते हैं, जो व्यक्ति की समस्या और वास्तुदोष के प्रकार पर आधारित होते हैं।

 

 

यहां वास्तुदोष को दूर करने के लिए दस प्रमुख उपाय दिए जाते हैं:

  1. घर के मुख्य द्वार पर एक शुभ संकेत रखें, जैसे कि स्वस्तिक, शुभ लकीर या शुभ चिन्ह। इससे उपयुक्त और प्रभावी ऊर्जा का संचार होता है।

  2. घर के आंगन में विभिन्न प्रकार के पौधे लगाएं, जैसे कि तुलसी, नीम, अलोवेरा आदि। ये पौधे नकारात्मक ऊर्जा को शुद्ध करने और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करते हैं।

  3. उत्तर दिशा में एक कमरे को पूजा स्थान के रूप में सजाएं। यह प्रभावशाली ऊर्जा का केंद्र होगा और पूजा और ध्यान की गतिविधियों के लिए आदर्श स्थान साबित होगा।

  4. नकारात्मक ऊर्जा को निकालने के लिए, वास्तु दोष विशेषज्ञ से संपर्क करें और अपने घर या ऑफिस की वास्तु जाँचबांच करवाएं। ये व्यक्तिगत या व्यापारिक स्थान के लिए उपयुक्त वास्तु उपाय सुझा सकते हैं।

  5. उचित रंग और प्रकाश का उपयोग करें। रंगों का उचित चयन करके आप सकारात्मक ऊर्जा को प्रोत्साहित कर सकते हैं। सफेद, हल्के पीले, गहरे नीले और हरे रंग आमतौर पर शुभ माने जाते हैं।

  6. घर के भीतर और बाहर प्रशान्ति और शांति का माहौल बनाएं। मेडिटेशन, प्रार्थना या योग जैसी गतिविधियों को नियमित रूप से अपनाएं।

  7. वास्तु दोष से प्रभावित कमरों में धन और समृद्धि की संकेत वस्तुएं रखें, जैसे कि धन का सिक्का, स्वर्ण कलश, लक्ष्मी की मूर्ति आदि।

  8. नकारात्मक ऊर्जा को शुद्ध करने के लिए घर में धूप, धुनी या जोगेण्ड्र से हवा का पवन बदलते रहें। ये ऊर्जा को शुद्ध करने और सकारात्मकता बढ़ाने में मदद करते हैं।

  9. दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थापित किया गया विग्यान और अध्ययन का क्षेत्र, जैसे कि पढ़ाई का कोना, प्रभावी और उत्कृष्ट अध्ययन की ऊर्जा को प्रोत्साहित कर सकता है।

  10. उपयुक्त प्रकाश संरचना और उपयोग करें। प्राकृतिक प्रकाश और उचित बिजली की सुविधा का उपयोग करके आप सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं।

 

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