पितृ दोष के साधारण उपाए
हमारे जीवन में हर चीज़ का बहुत महत्व होता है ! इसी कर्म में आते है ! हमारे पितृ , पितरो को देवता तुल्य माना गया है ! हमारे पूर्वज ही हमारे पितृ होते है ! हमारे पूर्वजो कि आत्माओ में कुछ ऐसी, आत्माये होती ही, जिनको किसी न किसी वजह से शांति नहीं मिल पाती ! मृत्यु के बाद भी , उनका स्नहे अपने परिवार के साथ जुड़ा रहता है ! और जब हम, उनकी आत्मा कि शांति के लिए कोई उपाए नहीं करते तो ! वो आत्माये हमको वो कार्य याद दिलाने के लिए ! मुश्किले उत्पन करती रहती है ! जिनमे से मुख्य है !
१. शारीरिक कोई परेशानी न होते हुए भी , संतान का न होना !
२. बार-बार गर्भ का गिर जाना ! या सन्तान उत्पन करने में परेशानी !
३. हर काम में मुश्किलों का सामना करना !
४. घर में हर वक्त, कलह का होते रहना !
५. किसी कन्या या लड़के कि शादी में बार-बार अड़चन आना !
६. बुरे स्वप्न जादा आना !
७. समाज में मान-सम्मान कि कमी !
वैसे तो और भी परेशानी हो सकती है ! मगर ये मुख्य रूप से देखने को मिलती है ! आज कल बहुत जादा लोग पितृ दोष से पीड़ित मिलते है ! क्योकि आज के बदलते, माहोल कि वजह से हम अपने बड़ो का आदर-सम्मान करना भूल हाए है ! यदि आपको भी इनमे से किसी परेशानी का सामना बार-बार करना पड़ता है तो किसी विद्वान् से, पितृ दोष के बारे में दिखवा लेना चाहिए ! यदि आपको इनमे से कोई परेशानी है ! तो आप यहाँ दिए गए, उपाए भी कर सकते है ! ये उपाए बहुत ही सस्ते और सरल है ! लेकिन इनका प्रभाव बहुत होता है ! बस आपको श्रद्धा और नियम के साथ ये उपाए करने है !
१. अपने बढ़ो का आदर-सम्मान करना सीखो !
२. कभी किसी का दिल न दुखाओ !
३. किसी ओरत को गलत नज़र से न देखो !
४. घर कि दक्षिण दीवार पर , अपने पूर्वजो कि तस्वीर लगा कर ! उनको हर रोज़ प्रणाम करो !
५.अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथि पर जरूरतमंदों अथवा गुणी ब्राह्मणों को भोजन कराए। भोजन में मृतात्मा की कम से कम एक पसंद की वस्तु अवश्य बनाएं।
६. गर्मी में पानी का नल लगवाये ! राहगीरों को शीतल जल पिलाने से भी पितृदोष से छुटकारा मिलता है।
७. कुंडली में पितृदोष होने से किसी गरीब कन्या का विवाह या उसकी बीमारी में सहायता करने पर भी लाभ मिलता है।
८. प्रतिदिन इष्ट देवता व कुल देवता की पूजा करने से भी पितृ दोष का शमन होता है।
९. पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों का स्मरण कर उनसे आशीर्वादले !
१०. हर अमावस्या को किसी बबूल के पेड़ पर . श्याम के वक़्त रोटी पर कुछ मीठा रख कर, पेड़ पर रोटी रख आये !
नोट- अपने बड़ो का आदर- सम्मान करने से ही, जीवन कि बहुत सी मुश्किलें आसन हो जाती है ! इसलिए सदा उनका सम्मान करना चाहिए !
हमारे जीवन में हर चीज़ का बहुत महत्व होता है ! इसी कर्म में आते है ! हमारे पितृ , पितरो को देवता तुल्य माना गया है ! हमारे पूर्वज ही हमारे पितृ होते है ! हमारे पूर्वजो कि आत्माओ में कुछ ऐसी, आत्माये होती ही, जिनको किसी न किसी वजह से शांति नहीं मिल पाती ! मृत्यु के बाद भी , उनका स्नहे अपने परिवार के साथ जुड़ा रहता है ! और जब हम, उनकी आत्मा कि शांति के लिए कोई उपाए नहीं करते तो ! वो आत्माये हमको वो कार्य याद दिलाने के लिए ! मुश्किले उत्पन करती रहती है ! जिनमे से मुख्य है !
१. शारीरिक कोई परेशानी न होते हुए भी , संतान का न होना !
२. बार-बार गर्भ का गिर जाना ! या सन्तान उत्पन करने में परेशानी !
३. हर काम में मुश्किलों का सामना करना !
४. घर में हर वक्त, कलह का होते रहना !
५. किसी कन्या या लड़के कि शादी में बार-बार अड़चन आना !
६. बुरे स्वप्न जादा आना !
७. समाज में मान-सम्मान कि कमी !
वैसे तो और भी परेशानी हो सकती है ! मगर ये मुख्य रूप से देखने को मिलती है ! आज कल बहुत जादा लोग पितृ दोष से पीड़ित मिलते है ! क्योकि आज के बदलते, माहोल कि वजह से हम अपने बड़ो का आदर-सम्मान करना भूल हाए है ! यदि आपको भी इनमे से किसी परेशानी का सामना बार-बार करना पड़ता है तो किसी विद्वान् से, पितृ दोष के बारे में दिखवा लेना चाहिए ! यदि आपको इनमे से कोई परेशानी है ! तो आप यहाँ दिए गए, उपाए भी कर सकते है ! ये उपाए बहुत ही सस्ते और सरल है ! लेकिन इनका प्रभाव बहुत होता है ! बस आपको श्रद्धा और नियम के साथ ये उपाए करने है !
१. अपने बढ़ो का आदर-सम्मान करना सीखो !
२. कभी किसी का दिल न दुखाओ !
३. किसी ओरत को गलत नज़र से न देखो !
४. घर कि दक्षिण दीवार पर , अपने पूर्वजो कि तस्वीर लगा कर ! उनको हर रोज़ प्रणाम करो !
५.अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथि पर जरूरतमंदों अथवा गुणी ब्राह्मणों को भोजन कराए। भोजन में मृतात्मा की कम से कम एक पसंद की वस्तु अवश्य बनाएं।
६. गर्मी में पानी का नल लगवाये ! राहगीरों को शीतल जल पिलाने से भी पितृदोष से छुटकारा मिलता है।
७. कुंडली में पितृदोष होने से किसी गरीब कन्या का विवाह या उसकी बीमारी में सहायता करने पर भी लाभ मिलता है।
८. प्रतिदिन इष्ट देवता व कुल देवता की पूजा करने से भी पितृ दोष का शमन होता है।
९. पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों का स्मरण कर उनसे आशीर्वादले !
१०. हर अमावस्या को किसी बबूल के पेड़ पर . श्याम के वक़्त रोटी पर कुछ मीठा रख कर, पेड़ पर रोटी रख आये !
नोट- अपने बड़ो का आदर- सम्मान करने से ही, जीवन कि बहुत सी मुश्किलें आसन हो जाती है ! इसलिए सदा उनका सम्मान करना चाहिए !
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