शाबर साधना ( भाग-२ )

 शाबर साधना 

1.       शाबर मंत्र साधना किसी स्वच्छ और एकांत स्थान पर ही कि जानी चाहिए !

2.       मंत्रो पर पूर्ण श्रद्दा व विश्वास  होना चाहिए ! अधुरा विश्वास मंत्र सिद्धि में अवरोध पैदा करता है !

3.       मन्त्र सिद्धि किसी भी जाती, वर्ण का व्यक्ति कर सकता है !

4.       जब किसी मन्त्र के साथ, दिशा का निर्देश न हो ! तो मंत्र का जाप पूर्व या उतर कि तरफ मुख करके करना चाहिए !

5.       खुशबू वाली धूप का प्रयोग  करना चाहिए ! अगर मुस्लिम मंत्र है तो लोबान का प्रयोग करे !


6.       साधना काल में, कम से कम कपडे पहने ! कपडे साफ हो !

7.       यदि साधना काल में, वहा बारिश, या जगली जानवर आ जाये तो साधना बीच में छोड़ने से कोई नुकसान नहीं होता !

8.       शाररिक व मानसिक शुद्धता का विशेष ध्यान रखे !

9.       जहा माला का निर्देश न हो ! वहा रुद्राक्ष कि माला प्रयोग कि जा सकती है !

10.   साधना काल में, आप अपने सभी कार्य कर सकते हो , जैसे नोकरी, व्यापार, घर का काम इत्याति !

11.   कोई भी साधना गुरु आज्ञा से ही करे !

12.   शुभ समय का ध्यान रखे !

13.   मंत्र साधना के समय, रक्षा मंत्र का अवश्य जाप कर लेना चाहिए !

14.   अपनी इन्द्रियों को वश में रखे !

15.   साधना अपने घर पर कि जा सकती है ! मगर स्थान साफ सुथरा हो ! घर के मंदिर का भी प्रयोग किया जा सकता है !

16.   धेर्य व अपने इष्ट पर विश्वास रखे ! सफलता अवश्य मिलेगी !

17.   मंत्र काल में घी या कडवे तेल का दिया जलता रहे !

18.   कोई भी, विचित्र आवाज या परछाई दिखने पर घबराएं नहीं !

19.   अपनी वाणी पर नियत्रण रखे, और किसी का भी दिल न दुखाये !

20.   छोटे-बड़ो का समान करे ! पर स्त्री को माँ, बहन समझे !

21.   साधना से पूर्व गुरु व गणेश जी का पूजन अवश्य करे !

22.   बिना आसन के कभी भी जाप न करे ! ऊन व कम्बल का श्वेत या रगीन आसन ले !

23.   मंत्र जाप के समय, आसन बीच में न छोड़े ! इसका परिणाम बुरा हो सकता है !

24.   साधना समाप्ति पर हवन अवश्य करे ! सभी को दान दक्षिणा दे कर, आशीर्वाद ले !

25.   अपने मंत्र व ईष्ट को गुप्त रखे !

26.   सिर्फ मानव कल्याण हेतु ही, अपने मंत्रो का प्रयोग करे ! कभी किसी का अनिष्ट करने के उदेश्य से मंत्रो को प्रयोग न करे !

27.   मन्त्र जैसा कहा गया है ! वैसा ही कहे, किसी प्रकार का सुधार करने कि आवश्यकता नहीं !

No comments: