शाबर साधना (भाग-१)


शाबर साधना
शाबर मंत्रो कि अपनी एक अलग पहचान है ! इतनी ज्यादा कारगर विद्या होने के बाद भी शाबर मंत्रो को ,वो जगह प्राप्त नहीं जिसकी असल में ये विद्या हकदार है ! शाबर मन्त्र बहुत शक्तिशाली होते है ! साधारण भाषा में पाए जाने वाले मंत्र ! शाबर मंत्र होते है ! शाबर मंत्र वे मंत्र होते है जो ग्राम्य भाषा में पाए जाते है ! शाबर मंत्रो के जन्मदाता भगवान् शिव को माना जाता है ! लोगो कि भलाई हेतु शंकर जी ने इन मंत्रो का कीलन नहीं किया ! अत: ज्यादातर शाबर मन्त्र स्वंय सिद्ध होते है ! बस थोड़े से जप मात्र से ये मन्त्र अपनी शक्ति को प्राप्त कर लेते है ! और वैदिक मंत्रो के समान ही हर कार्य में प्रयोग होते है ! किन्तु वैदिक मंत्रो जी तरह कठिन नहीं होते ! शाबर मंत्रो का कोई अर्थ नहीं निकलता ! वो जैसे है वैसे ही उनका जाप किया जाता है !
लेकिन आज काल बहुत से शाबर मन्त्र ऐसे भी मिल जाते है ! जो अपना पूर्ण अर्थ स्पष्ट करते है ! वैदिक मंत्रो के लिए शास्त्रीय ज्ञान जरुरी है किन्तु शाबर मंत्रो के लिए शास्त्रीय ज्ञान कि कोई आवश्यकता नहीं ! मछेंद्रनाथ और गोरखनाथ जी ने इस विद्या का बहुत प्रचार-प्रसार किया ! बाद में उनके शिष्यों ने शाबर विद्या को जन-जन तक पहुचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ! शाबर मंत्रो से कठिन से कठिन कार्य को बड़ी आसानी से किया जा सकता है ! बस आपका उदेश्ये सही होना चाहिए ! शाबर मंत्र बहुत जल्दी अपना प्रभाव दिखाते है ! ये भी कहा जाता है कि महाभारत काल में भी शाबर मंत्रो को प्रयोग किया जाता था ! आज भी बहुत से शाबर मंत्र मोखिक रूप से ही मिलते है ! शाबर मंत्रो के अंत में लगाये जाने वाली आन, कसम के कारण मन्त्र और शक्ति प्राप्त कर लेता है ! एक साधक कसम या आन दे कर अपने इष्ट देव से हर कार्य करवाता है ! आज भी आप देखते हो कि अदालत में भी सच बोलने कि कसम खिलाई जाती है ! इसी तरह कोई देवता भी कसम नहीं तोड़ता !
शाबर मन्त्र और गुरु
शाबर मंत्रो में विशेष रूप से काली माँ, हनुमान जी, भेरव जी और कामख्या देवी के मंत्र मिलते है ! और इन्ही को कलयुग के देवता कहा जाता है ! इस से भी स्पष्ट होता है कि कलयुग में शाबर मंत्रो का विशेष महत्व है ! इन मंत्रो ने आज भी अपना प्रभाव नहीं खोया है ! बहुत से विद्वानों का मत है कि शाबर मंत्रो में गुरु कि ज्यादा आवश्यकता नहीं होती ! मगर मेरा मानना है कि भले हम कोई भी साधना करे ! हमको गुरु के मार्ग-दर्शन में ही वो साधना करनी चाहिए ! क्योकि गुरु हमें, अपने ज्ञान और तपस्या से हर संकट से बचा सकता है ! गुरु के मार्ग-दर्शन में कि गई साधना जल्दी पूरी होती है ! ये मैंने स्वयं अनुभव किया है !
सावधानी
साधको जब भी आप कोई भी शाबर साधना करने के लिए बेठे तो, उसके लिए, आपको शुभ समय का ही चयन करना चाहिए ! इससे साधना में जल्दी सफलता प्राप्त होती है ! हमको किसी स्वच्छ और एकांत स्थान को ही साधना हेतु चुनना चाहिए ! हमारी भावना पवित्र होनी चाहिए ! हमारा उदेश्य सिर्फ मानव कल्याण ही हो ! कभी भी किसी को कष्ट और नुकसान पहुचाने के लिए कोई भी साधना न करे ! उस मन्त्र और देवता में पूर्ण श्रद्दा हो ! कोई भी साधना करने से पहले गुरु से आज्ञा जरुर ले ! गणेश जी और गुरु का पूजन करे ! मंत्र को जैसा कहा गया है, वैसे ही जपे ! अपनी तरफ से कोई फेर-बदल न करे ! जहां साधना कर रहे हो , साधना पूर्ण होने तक वही सोये ! एक वक्त का भोजन करे ! तपस्या और सच्ची श्रद्दा से ही भगवान् मिलता है ! कम खाना खानें से हमें नींद भी नहीं आएगी और हमारी इन्द्रिया भी वश में रहेगी ! साधना काल में होने वाले, अनुभवो को अपने गुरु के अलावा किसी के सामने, सपने में भी न बताएं ! हर स्त्री में अपनी माँ, बहन को देखे ! अपने से बड़ो का समान करे ! छोटो को प्यार ! भूले से भी किसी का दिल न दुखाये !

 हम भगवान् से प्रार्थना करते है कि आपको, अपने कार्य में सफलता प्राप्त हो !  आप अपने व मानव कल्याण हेतु इन मंत्रो का उपयोग करे ! अगर आप किसी भी मंत्र का गलत प्रयोग करते है ! तो इससे होने वाले नुकसान लिए आप स्वयं जिम्मेवार होगे ! घन्यवाद !

जय गुरु देव ! जय महाकाली ! जय वीर हनुमान !
नोट- मैं कोई विद्वान् नहीं ! बस जैसा भी गुरु जी से और अपने अनुभव से सीखा, वही आप सब से शेयर करने कि कोशिश करता है ! मेरा उदेश्य है कि शाबर विद्या को जन-जन तक पहचाना और मानव कल्याण ! मुझको इस कार्य के लिए, आपके सहयोग की आवश्यकता है ! अगर किसी के पास कोई विशेष जानकारी या मंत्र है ! तो कृपया मानव कल्याण हेतु, उसका उपयोग करे ! आप कोई जानकारी या मंत्र durgamcre8@gmail.com पर भेज सकते है !
                                    आपका अपना
                                 सतीश कुमार ( काली )

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