शरीर कि रक्षा हेतु शाबर मन्त्र !
जल बांधों, थल बांधों, बांधों अपनी काया !
सात सौ योगिनी बांधों, बांधों जगत कि माया !
दुहाई कामरू कामख्या नैना योगिनी की !
दुहाई गौरा पार्वती की,
दुहाई वीर मसान की !
विधि- उपरोक्त रक्षा मन्त्र को, ग्रहण काल में ११००
कि संख्या में जप ले ! मन्त्र सिद्ध हो जायेगा ! आवश्यकता के समय, मन्त्र को तीन
बार पढकर, हथेली पर नौ बार फूंक मारे और हथेली को पुरे शरीर पर फेर ले ! इससे शरीर
का बन्दन हो जाता है !
2 comments:
क्या आपने ये मन्त्र का सफलता पूर्वक प्रयोग किया है ? क्या आपके सभी लेख इस ब्लॉग में खुद आपके द्वारा परीक्षण किये हुए है ?? क्योंकि इसमें काफी खतरा है अगर मन्त्र का परिणाम विपरीत आया तो
सारांश जी, अगर आपकी कोई गलत मनसा नहीं है तो इन मंत्रो से कोई नुकसान नहीं है!
यहाँ दिये गयें , अदिकतर मन्त्र मैंने प्रयोग किये है ! या फ़िर मेरे गुरु जी दवारा प्रयोग किये गए है !
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